मौसम से मौसम मैं हमेशा तुमसे प्यार करता हूँ ! मौसम से मौसम मैं हमेशा तुमसे प्यार करता हूँ !
परितोष की कलम इंतज़ार करे सही वक्त आए तो नए शब्द लिखें। परितोष की कलम इंतज़ार करे सही वक्त आए तो नए शब्द लिखें।
छांव है गर्म यहां आ कहीं और चलें। जाने ये किसका असर कि जल रहे हैं शहर जिधर भी जाओ म छांव है गर्म यहां आ कहीं और चलें। जाने ये किसका असर कि जल रहे हैं शहर ...
और पूछनी भी है तुमसे कि तुमने सजा किस किस बात की मुझे दी है। और पूछनी भी है तुमसे कि तुमने सजा किस किस बात की मुझे दी है।
तुम्हारी कदमों में और बसंती हवा आजाद पसन्द पवित्र मन में। तुम्हारी कदमों में और बसंती हवा आजाद पसन्द पवित्र मन में।